MP स्कूलों में पढ़ाई जाएगी रानी दुर्गावती की गाथा,CM मोहन यादव का बड़ा ऐलान!

85 / 100 SEO Score

MP स्कूलों में पढ़ाई जाएगी रानी दुर्गावती की गाथा ,रानी दुर्गावती एक महान योद्धा थीं जिन्होंने अपने जीवनकाल में 52 लड़ाइयाँ लड़ीं, जिनमें से 51 में उन्हें विजय प्राप्त हुई। उनका गौंडवाना साम्राज्य 23,000 गांवों का विस्तार करता था, जो उनकी शक्ति और प्रभाव का प्रदर्शन करता है। रानी ने तीन बार मुगल सेना को पराजित किया, जो उनके युद्ध कौशल और नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।

उनकी वीरता और संघर्षों को मान्यता देते हुए, राज्य सरकार ने उनके जीवन और कार्यों की कहानियों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है। यह कदम न केवल उनके योगदान को सम्मानित करता है, बल्कि युवा पीढ़ी को प्रेरित करने और ऐतिहासिक परंपराओं को जीवित रखने का भी कार्य करेगा।

MP स्कूलों में पढ़ाई जाएगी रानी दुर्गावती की गाथा
CM मोहन यादव

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को घोषणा की कि MP स्कूलों में पढ़ाई जाएगी रानी दुर्गावती की गाथा स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इस कदम का मुख्य उद्देश्य नई पीढ़ी को रानी दुर्गावती के गौरवशाली इतिहास और उनके योगदान की जानकारी प्रदान करना है, ताकि उन्हें प्रेरणा मिल सके। यह घोषणा रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस के अवसर पर जलेश्वर कार्यक्रम में की गई,

जहाँ CM यादव ने बताया कि प्रदेश सरकार ने मोटे अनाज के प्रोत्साहन के लिए रानी दुर्गावती के नाम पर एक योजना भी शुरू की है। इस प्रकार, मुख्यमंत्री की ये पहलकदमी न केवल ऐतिहासिक जागरूकता बढ़ाएगी,MP स्कूलों में पढ़ाई जाएगी रानी दुर्गावती की गाथा बल्कि कृषि क्षेत्र में भी सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

रानी दुर्गावती एक वीरता और साहस की प्रतीक हैं, जिन्होंने अपने जीवन में 52 लड़ाइयाँ लड़ीं, जिनमें से 51 में उन्हें विजय प्राप्त हुई। उनका गौंडवाना साम्राज्य में 23,000 गांव शामिल थे, जिससे उनके साम्राज्य की विशालता का पता चलता है। वीर रानी ने तीन बार मुगलों के खिलाफ सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ी, जो उनकी रणनीतिक श्रेष्ठता और युद्ध कौशल को दर्शाता है।

राज्य सरकार ने MP स्कूलों में पढ़ाई जाएगी रानी दुर्गावती की गाथा स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है, जो उनके योगदान को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही, उन्होंने जल संरक्षण के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण पहल की, दर्शाते हुए कि वीरता केवल युद्ध तक सीमित नहीं है। दुश्मनों के हाथों कभी न लगने वाली रानी दुर्गावती का बलिदान और संघर्ष उनके अदम्य साहस का प्रमाण है।

MP स्कूलों में पढ़ाई जाएगी रानी दुर्गावती की गाथा-कौन थी रानी दुर्गावती

रानी दुर्गावती का जन्म 5 अक्टूबर 1524 को हुआ था और वे गोंडवाना साम्राज्य की प्रसिद्ध रानी थीं। उनका विवाह राजा संग्रामशाह के बेटे दलपत शाह से हुआ था। लगभग 14 वर्षों तक उन्होंने गोंडवाना साम्राज्य का नेतृत्व किया और इस दौरान उन्होंने कुल 52 युद्ध लड़े, जिनमें से 51 में उन्हें विजय मिली।

रानी दुर्गावती की पहचान मुगलों से अपने साम्राज्य की रक्षा करने के रूप में होती है, जिन्होंने बार-बार गोंडवाना पर हमले किए, लेकिन रानी ने हर बार उन्हें पराजित किया। उनकी बहादुरी और युद्ध कौशल ने उन्हें भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है, और वे एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में जानी जाती हैं।,MP स्कूलों में पढ़ाई जाएगी रानी दुर्गावती की गाथा

सामग्री रानी दुर्गावती की साहसिकता और बलिदान की कहानी को उजागर करती है, जो 16वीं सदी में एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना का हिस्सा थी। 1564 में, मुगल शासक आसफ खां ने धोखा देते हुए युद्ध में भारी तोपों का प्रयोग किया, जिससे रानी दुर्गावती की सेना को गंभीर क्षति पहुंची। युद्ध के दौरान, रानी को गंभीर चोटें आईं, परंतु उन्होंने लड़ाई जारी रखने का निर्णय लिया।

जब स्थिति खराब हो गई और वह बेहोश होने लगीं, तो उन्होंने दुश्मनों के हाथों मरने से बेहतर अपनी जान को अपने ही हाथों समाप्त करना सही समझा। इस प्रकार, रानी दुर्गावती ने 24 जून, 1564 को वीरगति को प्राप्त की, जो उनके अदम्य साहस और संगठन कुशलता का प्रतीक है। इस घटनाक्रम ने भारतीय इतिहास में रानी दुर्गावती को एक महान योद्धा के रूप में स्थापित किया MP स्कूलों में पढ़ाई जाएगी रानी दुर्गावती की गाथा

85 / 100 SEO Score

Leave a Comment

Contact Us - Amitkumar Sharma

Contact Us

✅ Thank you! Your message has been submitted.